शुक्रवार, 16 दिसंबर 2011

महिषा - सुर मर्दिनी ; साधना - समर


|| महिषा - सुर मर्दिनी ; साधना - समर ||
हट - योग से कुन्ड- लीनी जागरण को शास्त्रों में महिशासुर व देवी दुर्गा के युद्ध के प्रतीक रूप में बताया है |मन रुपी महिषासुर चंडी रुपी कुन्द -लीनी से लड़ने लगता है | देवी क्रुद्ध होकर 
उसके वाहन महिष [ मन के संस्कारों ] को चबा डालती है | अंत में महिषासुर [ मन ] का वध होने पर वह चंडी की ज्योति में मिल जाता है | महाशक्ति का अंश होकर मुक्ति को प्राप्त कर लेता है | इस प्रकार हट -योगी भक्त " साधन -- समर " में ब्रहम से लड़कर उसे प्राप्त करते हैं | भगवान तो भक्ति [ निष्ठा ] के भूखे हैं ,वे सचे प्रेमी को भी मिल सकते हैं और सचे शत्रु को भी | रावण , कंश , ताड़का आदि अनेक असुरों ने इस प्रकार सायुज्य मुक्ति को प्राप्त किया |


कुन्द - लीनी जागरण से ब्रह्म - रंध्र में ईश्वरीय दिव्य शक्ति के दर्शनं होते हैं और गुप्त सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं | इसी बात को भगवान गीता [ श्लोक ६ /११ से श्लोक ६ /१६ ] में अष्टांग - योग में , प्रान्नायाम द्वारा सिद्ध करने की विधि बताते हैं | छठा अध्याय गीतार्थ का सार है , विवेक - समुद्र का तीर है जहां गीता - रुपी बल्ली का अंकुर फूटता है | जहां वेद मौन हो जाते हैं | इसी विद्या को भगवान ने [ श्लोक ९ /१ -२ ] परम गोपनीय , ज्ञान -विज्ञान सहित ज्ञान कहा है | इसे सब विद्याओं का राजा ,सब गोपनीयों का राजा ,अति पवित्र ,उत्तम , सुगम और अविनाशी बताया है |


भगवान के विधान में प्रशन्न रहना चाहिए [ श्लोक ६ /२ ] , अपना कोई भी संकल्प नहीं रखना चाहिए | भगवान का विधान मानने से मुक्ति मिलती है , पर भगवान को को मानने से 
भगवान स्वयम मिलते हैं | ज्ञानेश्वरी गीता [ पं रघुनाथ माधव भगाडे ] में कुंड -लीनी जागरण [ श्लोक ६ / ११ - १६ ] का विवरण बहुत सुन्दर ढंग से किया गया है | 


योग -वशिष्ट में आया है की मन का ब्रहम के साथ तादात्म्य संबंध है , ब्रह्म ही मन का आकार धारण करता है | अत: मन में अपार शक्तियां है | भगवान ने गीता में [ श्लोक १० /२२ ] भी मन को अपनी विभूति कहा है | परन्तु यह भी बताया की में [ श्लोक १५ / १५ ; १८ / ६१ ; १० / २० ] सबके हृदय में सिथत हूँ | इससे ऐसा प्रतीत होता है की जहां हृदय शब्द कहा है , वहाँ उनका मतलब मन [ ब्रह्म - रंध्र ] से ही लेना चाहिए | अन्यत्र भी ब्रह्म - रंध्र में ही [ ब्रह्म { शिव } एवं कुन्दिलिनी { शक्ति } ] का मिलन बताया गया है |
|| इत्ती ||

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