बुधवार, 2 नवंबर 2011

परमात्मा प्राप्ति के उपाय


|| परमात्मा प्राप्ति के उपाय ||
[१] एक ही उपाय :-
सब धर्मं को छोड़कर, एक शरण मम होय |
चिंता तजू सब पाप तें , मुक्त करूंगो तोय ||
[२] दो उपाय :- दो बातन को भूल मत , जो चाहे कल्याण |
नारायण इक मौत को , दूजे श्री भगवान ||
[३ ] तीन उपाय :- सत्य वचन, आधीनता , पर तिय मातु समान |
इतने पे हरी ना मिले , तो तुलसीदास जमान [जिम्मा ]|
[४] चार उपाय :- संयम , सेवा , साधना , सत्पुरुषों का संग |
ये चारों करते तुरत मोह -निशा को भंग ||
[५] पांच उपाय :- गायत्री , गोविन्द , गाय , गीता, गंगा -स्नान |
इन पांचो की कृपा से शीघ्र मिले भगवान ||
[६] छ उपाय :- संध्या ,पूजा, यज्ञ , तप , दया , सु सात्विक दान |
इन छ के आचरण से , निश्चय हो कल्याण ||
[७] सात उपाय :- इस असार संसार में, सात वस्तु है सार |
सत्संग , भजन ,सेवा ,दया ,ध्यान ,दीनता ,उपकार ||
[८] आठ उपाय :- यम, नियम ,आसन ,साधकर ,प्राणायाम ,विधान |
प्रत्याहार , सुधारन्ना , ध्यान ,समाधि ,बखान ||
[९] नौ उपाय :- श्रवण , कीर्तन ,स्मरण नित , पद सेवन ,भगवान |
पूजन, वन्दन ,दास्य -रत्ति , सखिय , समर्पण जान ||
[१०] दस उपाय :-ध्रीती , क्षमा , शम , शौच , दम , विद्या , बुध्ही ,अक्रोध |
सत्य ,अचौरी ,धर्म ,दस ,देते हैं मनु बोध ||
[११]प्रेमा -भक्ति :-प्रेम लग्यो परमेश्वर सों ,तब भूली गयो सिगरो घरबारा |
ज्यों उन्मत फिरे जित ही तित ,नेक रही न शरीर संभारा ||
श्वाश -उसास उट्ठे सब रोम ,चले दृग नीर अखंडित द्धारा |
सुन्दर कौन करे नवधा विधि ,छाकी प्रयो रस पी मतवारा ||

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